उम्र भर उसकी भलाई सोचता रहा
मैं उम्र भर उसकी भलाई सोचता रहा
बस एक मर्तबा मुझसे उसका बुरा हो गया
उसकी ज़ुबाँ मेरी तारीफ में थकती नहीं थी कल
आज देखो मैं दुनिया का सबसे बुरा हो गया
सुना था ज़्यादा मीठे में कीड़े पड़ जाते है
यही हुआ कि रिश्तों में फासला हो गया
मैं मुजरिम सा हो गया हूँ, नज़रों में उनकी
मैं सवालों के कटघरे में खड़ा हो गया
देखें क्या फैसला करेगा मुंसिफ मेरे गुनाहों का
मैं ख़ैर ख़्वाह था उनका, बस यही गुनाह हो गया
मो० ताबिश, बाराबंकी, उत्तर प्रदेश
Miss Lipsa
02-Sep-2021 09:11 PM
Bohot acha
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Niraj Pandey
02-Sep-2021 12:13 PM
वाह
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Renu Singh"Radhe "
02-Sep-2021 10:10 AM
बहुत खूब
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