Pen of Tabish

Add To collaction

उम्र भर उसकी भलाई सोचता रहा

मैं उम्र भर उसकी भलाई सोचता रहा
बस एक मर्तबा मुझसे उसका बुरा हो गया

उसकी ज़ुबाँ मेरी तारीफ में थकती नहीं थी कल
आज देखो मैं दुनिया का सबसे बुरा हो गया

सुना था ज़्यादा मीठे में कीड़े पड़ जाते है
यही हुआ कि रिश्तों में फासला हो गया

मैं मुजरिम सा हो गया हूँ, नज़रों में उनकी
मैं सवालों के कटघरे में खड़ा हो गया

देखें क्या फैसला करेगा मुंसिफ मेरे गुनाहों का 
मैं ख़ैर ख़्वाह था उनका, बस यही गुनाह हो गया


मो० ताबिश, बाराबंकी, उत्तर प्रदेश

   11
7 Comments

Miss Lipsa

02-Sep-2021 09:11 PM

Bohot acha

Reply

Niraj Pandey

02-Sep-2021 12:13 PM

वाह

Reply

Renu Singh"Radhe "

02-Sep-2021 10:10 AM

बहुत खूब

Reply